Sharab Poems

Popular Sharab Poems
तुम्हारी आंखें
by Hemant Banswal

तुम्हारी आँखों मे जो नशा है,
वो इस शराब में नहीं,

तुम्हारे चेहरे पर जो नूर है,
वो आफताब में नहीं,

तुम्हारी नज़रों मे तो तुम्हारा,
साथ दिखता था,

वो जो साथ था,

......

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तुम्हारी आंखें
by Hemant Banswal

तुम्हारी आँखों मे जो नशा है,
वो इस शराब में नहीं,

तुम्हारे चेहरे पर जो नूर है,
वो आफताब में नहीं,

तुम्हारी नज़रों मे तो तुम्हारा,
साथ दिखता था,

वो जो साथ था,

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