Dairy Poems

Popular Dairy Poems
तुम: मेरा एक अलग जहाँ।
by akhlesh tomar

तुमसे मिला यूँ की सारे जहां को भूल गया
धुरी बनाके तुमको उसपे धरती सा घूम गया
मेरी हर सांस हरपल रग-रग में तुम समाई हो
एकपल की दूरी भी लगे जैसे वर्षों की तनहाई हो
पाना तुझे ही मेरे जीवन की मानो एकमात्र कमाई हो
अब जो मिल ही गए हो तो वादा करो हमदम
बड़ ही गए जिन राहों में कभी पीछे न हटेंगे कदम
जहाँ की इस रंगीन हस्ती में नजारे बहुत हैं
ढूढ़ने जाओगे तो हमसे भी प्यारे बहुत हैं
मगर पूर्णिमा की रात में जैसे दो चाँद नहीं होते

......

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तुम: मेरा एक अलग जहाँ।
by akhlesh tomar

तुमसे मिला यूँ की सारे जहां को भूल गया
धुरी बनाके तुमको उसपे धरती सा घूम गया
मेरी हर सांस हरपल रग-रग में तुम समाई हो
एकपल की दूरी भी लगे जैसे वर्षों की तनहाई हो
पाना तुझे ही मेरे जीवन की मानो एकमात्र कमाई हो
अब जो मिल ही गए हो तो वादा करो हमदम
बड़ ही गए जिन राहों में कभी पीछे न हटेंगे कदम
जहाँ की इस रंगीन हस्ती में नजारे बहुत हैं
ढूढ़ने जाओगे तो हमसे भी प्यारे बहुत हैं
मगर पूर्णिमा की रात में जैसे दो चाँद नहीं होते

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  • akhlesh tomar
    akhlesh tomar (1 poems about Dairy)
    I'm From Mandi Bamora,Vidisha. My DOB 19.08.1993