Ashok Vajpeyi


उससे पूछो - Poem by Ashok

हवा से नहीं, उससे पूछो :
वह शब्दों से अब तक अदृश्य क्यों रही ?
शब्दों से नहीं, उससे जानो :
वह शब्दों की पकड़ में क्यों नहीं आती ?
मौन से नहीं, उससे पता करो :
उसका ठिकाना आवाज़ों से दूर
कितना दूर और कहाँ है?
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